Friday, February 10, 2012

मेरी ज़िंदगी नहीं है आम

चैन मिलता है आपके पास,
दुनिया से न रही कोई आस.
ज़रूर कोई वजह है ख़ास,
तभी तो मेरी ज़िंदगी नहीं है आम.

नहीं मुकर सकती अपने कर्तव्यों से,
चाहे मेरी खुशियाँ मुझसे छूटे.
मेरी इच्छाओ को भुला चुकी हूँ,
अब तो अपनों के लिए जी रही हूँ.

नहीं है गम इस ज़िंदगी का,
जो हर पल याद दिलाता है अर्पण का,
हर कोई जीता है खुद के लिए,
मुझे मिला है मौका दूसरों के लिए ख़ुशी कमाने का.

7:40 pm 
10th feb 2012

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