Sunday, November 21, 2010

धनवाद

धनवाद उस तोहफे का, जो दिया मुझे आपने,
अब जब मिला है यह तोहफा,सम्भालुंगी उसे पूरी श्रद्धा से.
हमसफ़र जो आपने दिया है,
जैसा मैंने चाहा था वो बिलकुल वैसा है.
मेरी तनहा ज़िंदगी अब तक की,
आपने खुशियों से भर दी.
लोगों के तानो को अनसुना किया,
तन्हाई में भी, सहेलियों के खुसी का जश्न मनाया.
विशवास था मुझे मेरी दूआओं पर,
जिसे आज आपने पूरा किया.
हमसफ़र मेरा सुबसे जुदा है,
मेरे जीवन का सबसे प्यार तोहफा है.
इतनी खुश हूँ मैं, आपके इस वरदान से,
पागल ना हो जाऊ कहीं, मैं ख़ुशी के मारे.
10.10 pm
20th nov 2010.

1 comment: