इस राह से गुज़रते हुए,
न जाने कितने हि गांव देखे.
शहरों कि संख्या कुछ कम हि थी.
पर जो भी दिखी, कुछ तो महानगर थी
पार कर चुकी दो प्रान्त,
अब बस कुछ ही दूर है पश्चिम बंगाल.
मेरा जनम हुआ था यहाँ,
इस राज्य में.
जब भी जिक्र होता है इस राज्य का,
भर आतें हैं आंसू मेरी आखों में.
इस बार आई हूँ यहाँ दो साल बाद,
मिलुंगी अपने प्रियाजनो से, कितने ही महीनो बाद.
कितनी सारी उमंगें हैं दिल में मेरे,
काटे नही कट ता, समय इस सफर में.
10.50 am,
12th feb 2010.
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