Tuesday, April 13, 2010

मेरा बीता हुआ कल.

पहले कभी कवितायेँ लिखती नहीं थी,बस शायेरों की मैं तारीफ करती थी.

कहीं भी पर लेती कोई अच्छी कविता,मैं उस कवी के कविताओं की दीवानी बन जाती थी.
ऐसे ही सुनाई उसने, मुझे अपनी लिखी कविता एकबार,

उसे क्या पता थी, मैं उसे परती थी बार बार.

विश्वविद्यालय की कक्षा में, मैं पर्ती उसकी हर कविता सौबार,

मन मेरा भर गया जब लिखी उसने एक कविता मुझपर.


पागलपन से दीवानी, और फिर कब हो गया प्यार उससे?

तय कर लिया, भुला दूंगी हर ख़ुशी को उसके लिए.
जब से उसे मेरे प्यार की खबर हुई,उसने अपनी हर कविता मेरे लिए लिखी.

दुनिया के लिए वो एक अनजान कवी था,पर मेरे लिए दुनिया का वो सबसे नमी शयेर था.

बात ये मैंने उसे कई बार बताई,की मुझे उसमें सिर्फ पसंद है उसकी लिखी शाएरी.
कई सालों बाद नहीं है कोई शयेर, नहीं कोई शाएरी,

दोस्रून की कविता में नहीं होती है कोई दिलचस्पी,बस यादें ही बन चुकी है अकेलेपन की साथी.

9 comments:

  1. अपनी सोच को शब्द देना ज्यादा सकून देता है - सार्थक प्रयास - हार्दिक शुभकामनाएं

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  2. बेहद संजीदा प्रस्तुति! नई-नई कविताओं और सद्विचारों के साथ ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है।



    सुझाव : रचनाएं हिंदी में हैं, उम्मीद है आगे भी होगी। अगर परिचय का अनुवाद करके उसे भी हिंदी में ही प्रकाशित करें तो बहुत बढ़िया रहेगा।

    "Kindly Remove the Word Confirmation!!"


    httP://dhentenden.blogspot.com


    "रामकृष्ण गौतम"

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  3. prayas jari rahna chahiye, dil ke bhaw shabdon me nikal jate hain......

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  4. हंस कर जी कर सुमन बन, सपने कर आबाद |
    इस सुमन का मोल क्या , मुरझाने के बाद ||

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  5. Achha prayas hai... Anuwad sudhare...
    Likhti rahe.

    http://www.deveshvyas.blogspot.com

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  6. You have tried your best to make us feel your emptiness in life, your love to your beloved and ya itz nice. Try to write whenever you have a feeling to express with words. Try to make your hindi word power enhance.

    Best of luck,
    Dheeraj

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  7. इस नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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