मैं आज कल बहुत काम कर रही हूँ,
इतना काम जिससे मैं थक जाती हूँ।
नींद जो मुझे बहुत कम आती है,
आज कल वो भी आती है खूब।
दफ्तर से जाओ तो घर का काम,
बहुत कम मिल रहा है मुझे आराम।
शनिवार को होता है बाज़ार जाना।
मैंने फूलों का बगीचा बनाया है,
चाट के ओप्पर कई तरह के फूल भी खिले हैं।
सबसे ज्यादा पसंद है मुझे गेंदे का झाड,
गुलाब का खिलना इन सब के बीच लता है बगीचे में बहार.
मुझे भी गेंदा बहुत पसंद है...
ReplyDeleteगेंदा के फूलों पर बढ़िया रचना.... बहुत बढ़िया प्रस्तुति....
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