Saturday, August 20, 2011

यह तो थे गीत के बोल,

आज एक गीत सुन रही थी,
गायक जता रह था ज़रूरत एक साथि कि.
गीत के बोलों में बखान था,
उदास होती है ज़िन्देगी,
बिना किसी साथी के कोइ.

गायक को इन्तजार  है एक साथी के,
जो कर रही है गायक का इन्तजार कई युगों से.
जिसकी ज़िन्देगी शुरु हो गायक से,
और वो जीये सिर्फ गायक के लिए.

यह तो थे गीत के बोल,
पर कहाँ मिल पाती है ज़िन्देगी में,
इन सब बतों को मोल? 

3:33 am,
18th aug 2011



लाल गुलाब प्यार जताता है,

आज जो मैने सपना देखा,
उसमें मैने किसी के लिए,
लाल गुलाब का गुल्दस्ता बनाया.
याद नही आ रहा, किसके लिए था?
साथ् में उस गुल्दस्ते के, था एक तोह्फा .

यह मौका मुझे कभी नही मिला,
दूँ मैन लाल गुलाब किसीको,
है हि नही मेरी ज़िन्देगी में,
मेरे परिवार के बाद, इतना  कोइ प्यारा.

सुना है लाल गुलाब प्यार जताता है,
फिर तो मुझे मेरी सहेली से बहुत प्यार है.
क्युं न कुछ लाल गुलाब मैं भेज दूँ उसे?
पर वो रेहती है बहुत दूर मुझसे.

3:01 am
20th aug 2011

काश, थोडा और पढ पाती

विज्ञान, मेरा प्यारा विषय,
नही दे पाई मै  इसको ज्यादा समय.
कई सालों कि मेहनेत करनी होती है,
कई सालों तक पढ़ते रहन पड़ता है.
जार सा  धयान इधर उधर भटका,
तो पाठ समझ में, बडी मुश्किल से आता.

बचपन में डरती थी, भौतिक और रसायन विज्ञान से,
सिर्फ जीव विज्ञान समझ में आता था मुझे.
जब बारह्वी कक्षा में आई ,
जीव विज्ञान के साथ-साथ् रसायन  विज्ञान भी भाने  लगी.

आगे की पांच सालों की पढाई में,
सारे विज्ञान के हि विषय थे मेरे.
मेरी सबसे उची सिक्षा,
खतम हुइ पर्यावरण के विषय में.
आज भी ऐसा लगता है,
काश, थोडा  और पढ पाती विज्ञान के बारे में.

4.39 am,
20th aug 2011

Sunday, August 14, 2011

अब बस कुछ ही दूर है पश्चिम बंगाल.

इस राह से गुज़रते हुए,
न जाने कितने हि गांव देखे.
शहरों  कि संख्या कुछ कम हि थी.
पर जो भी दिखी, कुछ तो महानगर थी

पार कर चुकी दो प्रान्त,
अब बस कुछ ही दूर है पश्चिम बंगाल.
मेरा जनम हुआ था यहाँ,
इस राज्य में.
जब भी जिक्र होता है इस राज्य का,
भर आतें हैं आंसू मेरी आखों में.

इस बार आई हूँ यहाँ दो साल बाद,
मिलुंगी अपने प्रियाजनो से, कितने ही महीनो बाद.
कितनी सारी उमंगें हैं दिल में मेरे,
काटे नही कट ता, समय इस सफर में.
10.50 am,
12th feb 2010.

Sunday, August 7, 2011

नाम है उसका स्वाति .

बहुत अच्छी दोस्त है मेरी,
नाम है उसका स्वाति .
हम कुछ सालो पहले मिले थे.
बन गए दोस्त जीवन भर के लिए.

विश्व विद्यालय में मेरी सहपाठी थी,
दो- तीन दिन के बतों से ही पाता चला,
कितनी  समानता है हमारी.
पढे थे हम दोनो  ही केन्द्रीय विद्यालय से,
पर भारत देश के अलग अलग प्रान्त में.

बाते कर्ने के लिए कै थे,
पर मन् को चैन मिलता था स्वाति के हि बातो से.
उस से मुझे बहुत प्रेरणा मिली है,
अन्याय को न सहने कि सीख, सीखा है मैने उसी से ही.
अपने सप्नो को प्यार करना, सिखाया है मुझे स्वाती  ने ही.
5.00 am,
7th Aug 2011.