Friday, February 10, 2012

आसुओ को रोक नहीं पाती हूँ.

जब भी मेरे हाथ उठे,
ईश्वर की आराधना के लिए,
आखों में हमेशा आँसू आये,
ख़ुशी कम, गम के आँसू ज्यादा थे.

इतने सरे गम मिले,
भूल गयी मैं उन्हें गिनते गिनते.
मुसीबतों से उभरने की हिम्मत रखती हूँ,
पता नहीं फिर क्यूँ मंदिर में रोती हूँ?

मन को चैन मिलता है ईश्वर के पास,
लगता है कोई तो है, जो सुन रहा है मुझे आज.
दुनिया के लिए मैं एक सक्षम युवती हूँ,
पर क्या करूँ?
ईश्वर के पास आसुओ को रोक नहीं पाती हूँ.

7:15 pm
10th feb 2012

मेरी ज़िंदगी नहीं है आम

चैन मिलता है आपके पास,
दुनिया से न रही कोई आस.
ज़रूर कोई वजह है ख़ास,
तभी तो मेरी ज़िंदगी नहीं है आम.

नहीं मुकर सकती अपने कर्तव्यों से,
चाहे मेरी खुशियाँ मुझसे छूटे.
मेरी इच्छाओ को भुला चुकी हूँ,
अब तो अपनों के लिए जी रही हूँ.

नहीं है गम इस ज़िंदगी का,
जो हर पल याद दिलाता है अर्पण का,
हर कोई जीता है खुद के लिए,
मुझे मिला है मौका दूसरों के लिए ख़ुशी कमाने का.

7:40 pm 
10th feb 2012

किसी को प्यार करने से कतराता है.

कहतें हैं कायर रोतें हैं.
मैं तो रोती हूँ तब,
अपने ही मुझे समझते नहीं हैं जब.

जिनके लिए दुनिया भुलाया,
उन सब ने मुझे सबसे ज्यादा रुलाया.
अब तो दिल मेरा डरा हुआ है,
किसी को प्यार करने से कतराता है.

इस डर ने किया है इतना मजबूर,
अब तो रहती हूँ मैं दोस्तों से भी दूर.
लोगों से दूरी रखती हूँ,
किताबों की दुनिया में खोई रहती हूँ,
संगीत का मुझे सहारा है,
खुशियाँ मिलेगी मुझे, ईश्वर पर भरोसा है.

7:45 pm
10 feb 2012