क्यूँ नहीं रोक पाती हूँ मैं, उसको ख्यालों में आने से?
नाही इज़हार कर पाती हूँ मैं अपने प्यार का उससे.
क्यूँ नहीं रोक पति हूँ मैं खुद को उस से मिलने से?
नाही कह पाती हूँ , "मुझे मिलना हैं तुमसे".
क्यूँ नहीं लगता उससे प्यारा और कोई?
नाही कह पाती हूँ मैं हूँ तुम में खोई.
क्यूँ है दिल को समझाना मुश्किल इतना?
नाही चाहती हूँ दिल को समझाना.
क्यूँ नहीं बन सकता वो कभी मेरा?
नाही ही बता पा रही हूँ, माना है मैंने तुम्हे अपना.
क्यूँ नहीं बनाया गया उसे मेरे लिए?
नाही चाहती हूँ, शामिल हो वो कभी मेरी ज़िंदगी में.
12.15 am
24th march
dil ko chho lenevali kavita.
ReplyDeleteone of ur best composition....
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